आर्मेनिया और अजरबैजान युद्ध विराम को राजी, Russia ने निभाई मध्यस्थ की भूमिका

मास्को। बीते कई दिनों से आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच जारी जंग को रोकने का प्रयास किया गया है।
रूस की मदद से दोनों देश युद्धविराम को राजी हो गए हैं। मॉस्को (Moscow) में रूस के विदेश मंत्री ने ऐलान किया है कि दोनों देश अब युद्ध खत्म करने को लेकर सहमत हो गए हैं। ।

मॉस्को में अधिकारियों की मुलाकात के बाद आर्मेनिया और अजरबैजान आज दोपहर 12 बजे से ये युद्धविराम मानेंगे। इस दौरान दोनों देश एक-दूसरे के सैनिकों के शवों और युद्धबंदियों को लौटाएंगे। इसके बाद आर्मेनिया-अजरबैजान के बीच वार्ता दोबारा से शुरू होगी।

भारत की सीमा से करीब 4 हजार किलोमीटर दूर बसे आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच 27 सितंबर से जंग जारी है। करीब 4400 वर्गकिलोमीटर के नागरनो-काराबख इलाके पर कब्जे को लेकर दोनों के बीच संघर्ष था। दोनों देशों के सैनिक मारे गए हैं, टैंक, ड्रोन और हेलिकॉप्टर्स को नुकसान पहुंचा है।

क्यों है दोनों देशों के बीच विवाद

यूरोप के पास एशिया का देश आर्मीनिया और उसका पड़ोसी देश है अजरबैजान। दोनों बीच विवाद की जड़ 4400 वर्ग किलोमीटर में फैला नागोर्नो-काराबाख का इलाका है। अधिकारिक रूप से नागोर्नो-काराबाख इलाका अजरबैजान का अंग है। लेकिन उस पर आर्मेनिया के जातीय गुटों का कब्‍जा है। 1991 में इस इलाके के लोगों ने खुद को अजरबैजान से अलग कर आर्मेनिया का हिस्सा घोषित कर दिया। इसी मामले को लेकर पहले भी कई बार दोनों देश आमने-सामने आ चुके हैं।

Kyrgyzstan के राष्ट्रपति इस्तीफा देने को तैयार, संसद भवन की इमारत में जमकर तोड़फोड़

ये तनाव दो साल पहले यानि 2018 में शुरू हुआ था, जब दोनों देशों की सेनाओं ने सीमा से सटे इलाके में अपनी सेनाओं को बढ़ा दिया था। इसके बाद से तनाव ने युद्ध का रूप ले लिया। कभी सोवियत संघ का हिस्सा रहे ये दोनों ही देश एक दूसरे के पड़ोसी रहे हैं। दोनों देश ईरान और तुर्की के बीच में पड़ते हैं।

युद्ध में दोनों देशों के कई सैनिक मारे गए

27 सितंबर से शुरू संघर्ष में अबतक दर्जनों लोगों की जानें जा चुकी हैं। दोनों ही देशों ने उन शहरों को भी निशाना बनाने की कोशिश की है जो संघर्ष वाले क्षेत्र से काफी दूर हैं। नगोरनो-काराबाख के अधिकारियों के अनुसार अब तक इस संघर्ष में उनके पक्ष के करीब 200 कर्मी मारे गए हैं। इसके साथ 18 आम नागरिक मारे गए हैं जबकि 90 से अधिक घायल भी हुए हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस युद्ध में अब तक 24 आम नागरिकों ने अपनी जान गंवाई है। वहीं 121 लोगों के घायल होने की बात कही गई है। हालांकि इसकी कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलियेव का कहना है कि इस युद्ध का अंत तभी संभव है, जब जब नागोरनो-काराबाख से आर्मेनिया पूरी से हट जाए।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/3dmszDe

Post a Comment

Previous Post Next Post