नतीजे से पहले जीत के दावे, कहीं गलत संदेश तो नहीं दे रहे ये चुनाव

नई दिल्ली।

अमरीकी चुनाव परिणामों को लेकर बुधवार को भी जारी अनिश्चितता पूरी दुनिया में चर्चा में रही। राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के परिणाम से पहले ही जीत के दावों और विपरीत नतीजों की को चुनाव फर्जीवाड़ा करार देना विरोधियों को अमरीका को नीचा दिखाने का मौका दे गया।

यूरोपीय मीडिया ने सवाल किया कि क्या अमरीका खत्म होने के कगार पर है। चीन ने अमरीकी चुनावों की तुलना विकासशील देशों के चुनाव से कर दी। जर्मनी के रक्षा मंत्री ने चेताया कि स्थिति विस्फोटक हो सकती है, संवैधानिक संकट खड़ा हो सकता है। ब्राजील के एक अखबार ने लिखा, ‘लोकतंत्र पर ऐसे और भी हमले होना तय है।’ परिणाम से पूर्व ही ट्रंप के जीत के दावों को लेकर हिंसा की आशंका जताई जा रही है। अंतरराष्ट्रीय शांति संबंधी संस्था के एक अधिकारी ने कहा, जो देश अमरीका की सफलता देखना चाहते हैं, यह स्थिति उन्हें विचलित करने वाली है।

चुनाव परिणामों में अनिश्चितता के बावजूद एशियाई बाजार गुरुवार को सुबह जल्दी खुले। टोक्यो के नाइकी में 1 प्रतिशत तो हांगकांग के हैंगसेंग में दोपहर तक 2 प्रतिशत का उछाल देखा गया। लोकतांत्रिक देशों में आशंका दिखाई दी कि कहीं अमरीका के हालात की छायां उनके लोकतंत्र पर न पड़े।

लंदन में चैथम हाउस के निदेशक रॉबिन निबेट ने कहा, जो हो रहा है, वह अमरीका की छवि खराब कर रहा है। यूरोप के एक संगठन ने ट्रंप के दावों और चुनाव नतीजों को अपने पक्ष में करने की धमकी देने को उन्हीं के खिलाफ बताया। लोकतंत्र खतरे में है। 34 लोकतांत्रिक देशों पर किए गए एक सर्वे में पाया गया कि मुश्किल से भारत और इजराइल के कुछ लोगों ने माना कि पांच साल पहले तक ही अभिव्यक्ति की आजादी का कोई महत्व था।

दुनिया भर में विश्लेषकों का मानना है कि ये चुनाव अमरीका की छवि ऐसे देश की बना सकते हैं, जिसे लोकतंत्र की परवाह नहीं है। कुछ ने माना कि अमरीकी चुनाव विश्व भर में लोकतंत्र के लिए गलत संदेश दे रहे हैं। जाहिर है अच्छी शिक्षा और समृद्धि भी लोकतंत्र की रक्षा की गारंटी नहीं माने जा सकते।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://bit.ly/32icnOY

Post a Comment

Previous Post Next Post